03 November 2013

Hazrat Ali


मनकबत हजरत अली रह .

नजर आता है मैखाना अली का |
मुझे होने दो मस्ताना अली का ||

दहन का गुस्ल लाजिम हो गया है |
ज़बां पर नाम है आना अली का ||

ताअर्रुफ़ की ज़रूरत ही नहीं है |
कि मैं हूँ जाना पहचाना अली का ||

सनद उसको मिली दानिश्वरी की |
जो कहलाया है दीवाना अली का ||

बजुज़ निस्बत के मुमकिन ही नहीं है |

हिलाल इक शेर हो जाना अली का ||

No comments:

Post a Comment