31 October 2011

इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

दीपावली की खुशियाँ इस बार यूँ मनाएं -------इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

ऐसे दिया जलाएं के दिल में रौशनी हो !
आपस में प्यार बांटे हम सब में दोस्ती हो !!

तुम हमसे प्यार पाओ हम तुमसे प्यार पायें -------इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

दिल में जो हो अँधेरा किस काम की दिवाली!
इस बार रह न जाये दीवार दिल की काली !!

मन की बुराइयों को पहले चलो मिटायें------इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

ये जात पात मज़हब ये ऊँच नीच क्या है!
ये व्यर्थ की है बातें इनसे न कुछ मिला है !!

इन राजनीतियों में क्यूँ हम समय गँवायें-----इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

जो कुछ भी हो चुका है वो भूल जायें हम सब !
हमको न और तुमको शिकवा रहे कोई अब !!

हम एक दुसरे की अब समझें भावनायें ----इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

हम देश वासियों की फिर ये विशेषता हो !
दिल में मुहब्बतें हों आपस में एकता हो !!

आओ हिलाल का हम ये गीत गुनगुनाएं ----इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं
दीपावली की खुशियाँ इस बार यूँ मनाएं-----इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएं

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